ऐ देश के शहीदो हमारा तुम्हें सलाम । Poem by NADIR HASNAIN

ऐ देश के शहीदो हमारा तुम्हें सलाम ।

क़ुरबान तुझपे जाऊं निछावर करूं ये जान
ऐ देश के शहीदो हमारा तुम्हें सलाम ।

हर नौजवां के दिल में तुमहीं सा जोनून हो
बह जाए अपने देश पे ऐसा ही ख़ून हो
हर मां का प्यार साथ है ऐसे सपूत के
इस देश का सपूत है हर पूत नौजवान
ऐ देश के शहीदो हमारा तुम्हें सलाम ।

सोने की है ये चिड़या भारत मेरा महान
ख़ुश है चमन में बुलबुल बाग़ों में बाग़बान
कहते हैं सिख इसाई हिन्दू व मुसलमान
कहती सुनहरी धरति कहता है आसमान
ऐ देश के शहीदो हमारा तुम्हें सलाम ।

अमनो सोकून दोस्ती पहचान हमारी
एक पल में मिटा सकते हैं दुशमन की ख़ुमारी
गांधी सुभाष बिसमिल सुखदेव भगतसिंह
वीरों का वही रूप है सरहद का निगहबान
ऐ देश के शहीदो हमारा तुम्हें सलाम ।

: नादिर हसनैन 'दरभंगवी'

Sunday, August 13, 2017
Topic(s) of this poem: independence,proudly,strength
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