ख़ुशी, मुहब्बत, प्यार का संगम बाँध बहन की राखी Poem by NADIR HASNAIN

ख़ुशी, मुहब्बत, प्यार का संगम बाँध बहन की राखी

Rating: 5.0

देश की रक्षा करने वाला पहने के वर्दी ख़ाकी
करता है बेख़ौफ़ हिफ़ाज़त जबतक जान है बाक़ी

सरहद के वीरों की तरह हम अपना फ़र्ज़ निभाएंगे
ख़ुशी, मुहब्बत, प्यार का संगम बाँध बहन की राखी



तहे दिल से भाई बहन के रिश्तों का अनोखा प्रतीक 'रक्षाबंधन पर्व' मुबारक हो |


: नादिर हसनैन

Monday, August 7, 2017
Topic(s) of this poem: happy,joy
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 07 August 2017

बहुत बहुत सुंदर कविता- देशप्रेम, साहस, कर्त्तव्यपरायणता व भाई-बहन के प्यार से अनुप्राणित भाव. धन्यवाद, मित्र.

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