जीवन का लक्ष्य Poem by Rinku Tiwari

जीवन का लक्ष्य

Rating: 4.5

सभी के एक हैं लक्ष्य
सभी इंतजार करते
कोई ना जाने कब
पूर्ण होंंगे लक्ष्य ।
कोई आज पाता कोई कल
कोई जन्म होते ही पाता
सौ वर्षों तक जीवित रहे
फिर भी लक्ष्य से दूर रहे ।
कालचक्र के फेरे में मनुष्य
इंतजार करता पाने को
समय काटने का सोचे
करते काम, पढ़ते-लिखते
कलही बातें दिन-रात करते।
जीवन सत्य से दूर जाते
कला को अपनाकर
जीवन सत्य को खोजते
अमरता नाम को पाते।

Saturday, November 23, 2019
Topic(s) of this poem: goal,life
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