Trees (by Joyce Kilmer)
Hindi Translation by Rajnish Manga
पेड़ (मूल कविता: जोएस किल्मर)
हिंदी अनुवाद रजनीश मंगा द्वारा
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मुझको तो इस बात में है, रत्ती भर संशय नहीं
लाख हो कविताओं में लय, पेड़ों जैसी लय नहीं
सुनिए कैसे पेड़ यहाँ पर, भूख शांत कर जीता है
वह धरती माँ के सीने से, लग कर अमृत पीता है
पेड़ ही है जो सारा दिन, रब को निहारा करता है
पत्तों वाली बाहों को उठा, प्रभुनाम उचारा करता है
ग्रीष्म ऋतु में यूँ देखो, श्रृंगार पेड़ का हो जाता है
रोबिन जब उसकी शाखा पर, अपना नीड़ बनाता है
जिसके वक्ष पर सरदी में, हिमकण ठहरे रहते हैं
जिसके पत्ते बारिश के ही, कारण हरे हरे रहते हैं
कविता तो मुझ जैसे कितने, मूढ़ बनाया करते हैं
किंतु पेड़ को सिर्फ विधाता, ही सिरजाया करते हैं
Note: Joyce Kilmer (December 6,1886 - July 30,1918)was an American writer and poet mainly remembered for a short poem titled "Trees" (1913) . He enlisted in New York National Guards and was deputed to France during World War I in 1917. He was killed by a sniper's bullet at the Second Battle of the Marne in 1918 at the age of 31. (Wikipedia)
Sir thank-you so much for bringing this poetry. This is actually inspirational for me to imagine something different like this. Your translation is even mor beautiful and relishing. Thank-you got bringing it on this board.
मुझको तो इस बात में है, रत्ती भर संशय नहीं लाख हो कविताओं में लय, पेड़ों जैसी लय नहीं Trees can never be compared to anything else in this world. No, not even poems... :) Superb Translation into Hindi by you dear Rajnish ji.
Poems are made by fools like me, But only God can make a tree. A celebrated poem by Joyce Kilmer! Yes, only God can create a tree. I am also joining the fools group attempting to write poems.
पेड़ भी क्या ग़जब की शै है और अपने आप में कविता है। बहुत बहुत धन्यवाद आपका एक बहुत अच्छे तरजुमे के लिए!