बलिदान
गुरूवार, २१ फरवरी २०१९
हमने अपने आपको समाला
गायब हो गया घर का उझाला
मातम का पर्दा छा गया
हर शहीद के घर में अन्धेरा छा गया।
कोई नहीं जानता, कब गोली आके लगेगी
पर अपने फर्ज से नहीं डगमगाएगी
जवान अपने फर्ज के लिए बलिदान के लिए भी तैयार है
देश उनपर पूरा मदार रखती है।
देश नसीबवान है
पूरा युवाधन आज कुर्बान होने के लिए तैयार है
देश के हर कोने से बुलंद आवाज उठ रही है
बदले की भावना प्रज्वलित हो रही है।
क्या बदले का रूप होगा, हम नहीं जानते?
पर हम लश्कर पर भरोसा रखते
हमारे वो प्रखर प्रहरी है
हमारे पर हुमला जो हुआ वो बाहरी है।
आज देश गौरान्वित अनुभव कर रहां है
देश के गौरव को हमें खंडित नहीं होने देना है
देश है तो हम है
और हम है तो पुरे लोग महफूज है।
हसमुख मेहता
Harshad Gosai 3 mutual friends 1 Edit or delete this Like · Reply · 1m
Sacrifice has great values and nation respects all warriors. This poem brings emotion. Thank you very much for sharing this.10
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Manish Sathawara 6 mutual friends Message