कोई पूछे कौन हूं मैं Poem by Anant Yadav anyanant

कोई पूछे कौन हूं मैं

राह में बात होती आधी चली,
बिन बात फिर से वो आंधी चली
अगर पूछे तुमसे कोई कौन हूँ मैं?
कह देना कोई ज्यादा खास नहीं.....

एक दोस्त है कच्चा पक्का सा,
एक झूठ है आधा सच्चा सा,
जज़्बात से ढंका एक पर्दा है,
कह बहाना कोई अच्छा सा!

जीवन का ऐसा साथी है,
जो पास होकर भी पास नहीं!
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं?
तुम कह देना कोई खास नहीं.....

एक साथी है जो अनकही सी,
कुछ बातें कह जाता है।
यादों में जिसका धुंधला सा,
एक चेहरा ही रह जाता है।

यूं तो उसके ना होने का,
मुझको कोई गम नहीं,
पर कभी-कभी वो आँखों से,
आंसू बनके बह जाता है,

यूं रहता तो मेरे ज़हन में है,
पर नज़रों को उसकी तलाश नहीं,
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं?
तुम कह देना कोई खास नहीं....

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