कईल हिंदी से वादा निभाय दा (भोजपुरी गीत) Poem by Upendra Singh 'suman'

कईल हिंदी से वादा निभाय दा (भोजपुरी गीत)

कईल हिंदी से वादा निभाय दा.
राष्ट्रभाषा के पद पर बिठाय दा.
सुना हे, पी एम मोदी, सुना हे, पी एम मोदी.


राष्ट्रभाषाहीन हिन्द देखा हो लजात बा.
देश अउर विदेश में संदेश का हो जात बा.
हमरे देशवा क लजिया बचाय दा.
कईल हिंदी से वादा निभाय दा.
सुना हे, पी एम मोदी, सुना हे, पी एम मोदी.


जाना अपने भाषा क महिमा हो जाना.
देखा हो चीन अउर जापान क जमाना.
रूठल तकदीर हमरो मनाय दा.
कईल हिंदी से वादा निभाय दा.
सुना हे, पी एम मोदी, सुना हे, पी एम मोदी.


बिना अपनी भाषा विकास कइसे होई.
घोर बा तमस हो उजास कइसे होई.
सुतल सूरज के जल्दी जगाय दा.
कईल हिंदी से वादा निभाय दा.
सुना हे, पी एम मोदी, सुना हे, पी एम मोदी.


अपने हो भाषा में ताकत अपार बा.
गऊवाँ में प्रतिभा क भईया भरमार बा.
तनि गऊवों क चेहरा चमकाय दा.
कईल हिंदी से वादा निभाय दा.
सुना हे, पी एम मोदी, सुना हे, पी एम मोदी.



दिल्ली का जाने ई देशी राजकाज हो.
एकर त भईया फिरंगी मिज़ाज हो.
भारतीयता हो एके सिखाय दा.
कईल हिंदी से वादा निभाय दा.
सुना हे, पी एम मोदी, सुना हे, पी एम मोदी.


जवने दिन हो जाई हिंदी ई रानी.
बदल जाई भईया हो हिन्द क कहानी.
भारत माता क ललसा पुराय दा.
कईल हिंदी से वादा निभाय दा.
सुना हे, पी एम मोदी, सुना हे, पी एम मोदी.

Friday, September 13, 2019
Topic(s) of this poem: language
COMMENTS OF THE POEM
Aniruddha Pathak 14 September 2019

May your wish come true, dear Sumanji. aapane achhaa likhaa hai. PM ko sunai do...

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