Yy Sawaal (Hindi) Poem by Dr Tapan Kumar Pradhan

Yy Sawaal (Hindi)

Rating: 5.0

सवाल

कुछ सवाल के ज‌वाब
…….. खुद व खुद मिल जाते हैँ
कुछ सवाल के जवाब
........ ढुंढते ढुंढते मिलते नहीं
कुछ सवाल के जवाब के लिए
........ सालों साल बीत जाते हैं –

कुछ सवाल......? ?

मेरे सवालों का तुफान
.........तुम्हारी खिडकी हो कर गुजर जाए
मेरे सवालों का बौछार में
........तुम्हारा सारा बदन भीग जाए
मेरे सवाल सब शायद
........तुम्हें कैसे कैसे लगते हैं –

मेरा सवाल…...? ?

तुम्हारा जवाब तो हमेशा
........एक ही जैसा लगता है
तुम्हारा जवाब भी कभी कभी
........कैसा कैसा लगता है
तुम्हारे जवाब के इंतजार में
........रात ढलकर दिन आए –

तुम्हारा जवाब......? ?

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Dr Tapan Kumar Pradhan

Dr Tapan Kumar Pradhan

Bhubaneswar, Odisha, India
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