वो दिल कहाँ से लाऊं
वो दिल कहाँ से लाऊं
जिसे आसानी से भूला पाऊं
मेरा दिल युही धड़कता रहे
चेहरा गुलाबी मस्त यूँही हंसता रहे। वो दिल कहाँसे ..
यादे मुझे सोने देती नहीं
करबातें में युही लेता नहीं
आसमा में तारे मेरी ओर देखते है
प्रेम में जलती आग को करीब से देखते है।
यही बचपना में कर बैठा हूँ
सपनो को सजा के सोता हूँ
निगाहें ऐसे है की कभी झपकती ही नहीं
मुझे आइना दिखाके लोटती ही नहीं।
वो करीब आके दूर हो जाते है
जैसे महफ़िल पूरी रात सजाते है
हम सुनते रहते है उनकी गुंगरु की आवाज
बस चारो और है संगीत और साज।
हमें नहीं गीला उनके जाने का
बस आज हो तो मौका मिला सोचने का
पहले हम डुब जाते थे यादो में
आज तो वो है हमारी बाहों में।
welcome ramesh bhika magar Unlike · Reply · 1 · Just now
welcome sushil rakesh Unlike · Reply · 1 · Just now
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welcome vipul thakor Unlike · Reply · 1 · Just now
welcome hitesh sharma Unlike · Reply · 1 · Just now
Rajkumar Agarwal हसमुख साहब, बहुत ही प्यारी रचना, धन्यवाद See translation Unlike · Reply · 1 · 26 mins
a welcome bhavesh patel Unlike · Reply · 1 · Just now · Edited
Tribhovan Panchal Good Evening Sir ji Unlike · Reply · 1 · 7 hrs
welcome nishs sharan Unlike · Reply · 1 · Just now
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हमें नहीं गीला उनके जाने का बस आज हो तो मौका मिला सोचने का पहले हम डुब जाते थे यादो में आज तो वो है हमारी बाहों में।