विश्वास करो
शुक्रवार, २३ अगस्त २०१९
जिंदगी ने कान मे कुछ गुनगुनाया
मेरी पीठ को भी थपथपाया
फिर कान मे धीरे से फुसफुसाया
"जिंदगी ने तुझे बहुत दौड़ाया"
तू भी बहुत पीछे भागा
अपना ही राग आलापा
पर हाथ कुछ नहीं आया
चिंता ने तुझे बहूजत सताया।
मत दौड़ इतना पीछे
मन को कहे दे कुछ सोचे
नहीं आना कुछ हाथ अपने
अपने भी हो जाएंगे बेगाने।
रख मंसूबा मक्कम
और खड़ा रह अड़ीखम
नहीं है यहाँ कुछ भी आसान
बस करता रहे प्रयास इंसान।
हाथ पाँव इतना प्रसारो
बनती रहे बात आसान यारो
यहाँ हर बात मुमकिन है
"विश्वास करो" यक़ीनन सब सच है।
हसमुख मेहता
हाथ पाँव इतना प्रसारो बनती रहे बात आसान यारो यहाँ हर बात मुमकिन है " विश्वास करो" यक़ीनन सब सच है। हसमुख मेहता Hasmukh Amathalal
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Hasmukh Mehta Thank you For both 1 Hide or report this Like · Reply · 2h