Tere Honthon Pe Poem by milap singh bharmouri

Tere Honthon Pe

तेरे होंठो पे सनम नही क्यों है
में बेबफा हूँ तुजे यकीन क्यों है

तेरे लिए में कितनी दूर आया हूँ
तू उसी मोड़ पर अभी खड़ी क्यों है

मैं न छोडूंगा तन्हा तुझे कभी भी
इजहारे मोहबत से तू डरी क्यों है

किस ख्याल ने तुझे उलझाया है
तेरी आँखों में ये नमी क्यों है

दिन बदलते ही लोग बदल जाते है
मेरा दिल जहाँ कल था वहीं क्यों है

मैं बेबफा नही रुस्बा न होने दूंगा
फेर के रुख मुझसे तू चली क्यों है

माना तेरे होंठो पे इंकार ही है
फिर भी दिल में कसक सी दबी क्यों है

POET'S NOTES ABOUT THE POEM
love shayari of milap singh.
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