Paratham Hindu Mhasangiti (Parchiye) Poem by milap singh bharmouri

Paratham Hindu Mhasangiti (Parchiye)

परिचय (प्रथम हिन्दू महा संगीति)

महा संगीति
मतलव धर्म संशोधन
महा निर्णेय
सामाजिक और राजनीतिक तौर
से वाध्य धार्मिक निर्णेय

रोज रटते है हम
इतिहास को
रोज पढ़ते है हम
समाज को
फायदा तब है अगर
हम पुराने तजुरबो को
उनकी अच्छाईयों को
आज के समय में अपनाए
और उनके द्वारा की गई गलतियों को न दोहराएँ

महा संगीति!
महा संगीति
कब होती है
महा संगीति तब होती है
जब धर्म, मानने वालों में दुबिधा बन जाये
जब धर्म, समाज के ढांचे के लिए असुविधा बन जाये
जब लोग धर्म को छोड़ने लगे
किसी और धर्म से जुड़ने लगे
जब अन्य मत
लालच के बीज बोने लगे
जब धर्म के अस्तित्व को खतरा होने लगे
तब होती है
महा संगीति

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