Mata Manani Murali Poem by milap singh bharmouri

Mata Manani Murali

माता मनानी मुराली हो

ढौल भी बजदा
पौण भी बजदी
बजदी आ घड़े पुर थाली हो
शिवा रेयो वन्दयो जयकारे ला
माता मनानी मुराली हो

पित्र धयौरे
पुरख धयौरे
धामुरी माता भरमानी हो
अंगे -संगे हिन्
चौरासी देवते
लायुरा नमाला
भायली हो

त्रिशूल भी सजदी
हुंगल भी सजदा
सजदा ऐ सालू सिंदूरी हो
सन्दे -सन्दे इंये
मुराली माता
गंडीया धुखौरा पहाड़ी हो

ढौल भी बजदा
पौण भी बजदी
बजदी आ घड़े पुर थाली हो
शिवा रेयो वन्दयो जयकारे ला
माता मनानी मुराली हो


.......milap singh bharmouri

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himachali bhajan written by milap singh bharmouri
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