Hindi Haiku - Diwali Poem by S.D. TIWARI

Hindi Haiku - Diwali

हवा विषैली
मिठाई जहरीली
खाए दिवाली

छूटें पटाखे
धरा बहाती आंसू
धुएं के पीछे

वही कमाई
बढ़ती महगाई
फीकी दीवाली

बाहर ज्योति
मन भावना काली
कैसी दिवाली

सजे बाजार
अटे पड़े सामान
ढूंढें ग्राहक

दीप जलाओ
फैलाओ खुशहाली
मने दिवाली

देकर आना
निर्धन की भी थाली
मने दिवाली

ज्योति जले
मन होय उजाला
यूँ हो दिवाली

लक्ष्मी आएं
संग खुशियां लाएं
शुभ दिवाली

माँ ने बनाया
मीठा वह ब्यंजन
मुंह में पानी

हर दीप को
मिले उसकी बाती
यूँ हो दिवाली

यादें मनातीं
सीमा पे जवनों की
माँ की deewali

चीन की लड़ी
भारत में मनाती
देखो दिवाली

नन्हे से फूल
फूलजड़ी के बिन
कैसी दिवाली

भाग रहे हैं
दिवाली के दीवाने
लिए मिठाई

धन बरसे
धनतेरस पर
मन हरषे

टाल रखा था
धनतेरस हेतु
बर्तन लाना

पिया ले आये
धनतेरस पर
एक कटोरी

प्याली ही आये
धनतेरस पर
प्रथा निभाए

पत्नी घर में
जवान सीमा पर
दिल दिवाली

स्वयं मिठाई
उन्हें खील बतासा
लक्ष्मी को झांसा

घरों के गले
पहनाया सबने
दीपों की माला

कुछ किरणे
घट भीतर भेजो
सूर्य देवता

मांगे बदले
ज्ञान और प्रकाश
सूर्य को अर्क

गोवर्धन में
नाली में बहे दूध
बच्चे तरसें

गाय की सेवा
बदले पाएं दूध
पुण्य निशुल्क

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