Happy Diwali Poem by Sanjeev Kumar

Happy Diwali

हड्डियों के दीप जला हम घर घर में जायेंगे,
कोना-कोना जहाँ का हम हाथों से सजायेंगे।

पहाड़ों को तोड़ नदियों को जोड़
मिलकर हम सब दरिया बनायेंगे,
दरियावों को फिर समंदर से मिलाने ले जायेंगे।

वक़्त की धूप हमें चरख क्या कर पायेंगे,
बनेंगे वो ज़र्रा जो सूरज की आग से नहायेंगे।

Copyright © 2012 Sanjeev Kumar

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Sanjeev Kumar

Sanjeev Kumar

Jamshedpur, India
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