रंग बिरंगे पक्षी (Colorful Birds) Poem by Kezia Kezia

रंग बिरंगे पक्षी (Colorful Birds)

Rating: 5.0

निर्मल आकाश में खग मंडराते

छोटे दानव से परिचित करवाते

तेज अनोखे प्यारे लगते

भुजा फैलाये तैरते रहते

चोंच भरी या हो खाली

आभास इसका क्षणिक ना देते

विदित होते हैं काले तारे

दिन में बिखर गए हो सारे

दाने जहाँ पड़े मिले

चुगते फिरते साँझ सवेरे

धरती इनकी अम्बर इनका

चंचल उमंग हर कोई अपना

रूप रंग हो चाहे अनेक

बोली भाषा इनकी एक

कितने सच्चे कितने नेक

मोहक छवि तू इनकी देख

सुन्दर सुन्दर पंखों वाले

भाये ना इनको मोती के प्याले

इनकी देखो खाली झोली

फिर भी बोलें प्यार की बोली

*****

Wednesday, March 29, 2017
Topic(s) of this poem: nature love
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 29 March 2017

कविता कवी के प्रकृति-प्रेम को दर्शाती है. मानव बहुत से गुण पक्षियों से ग्रहण कर सकता है. प्रभावशाली कविता. धन्यवाद, मित्र. धरती इनकी अम्बर इनका इनकी देखो खाली झोली फिर भी बोलें प्यार की बोली

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