भजन करते रहेंगे.. Bhajan Karte Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

भजन करते रहेंगे.. Bhajan Karte

भजन करते रहेंगे

जो मिलना था
वो ना के बराबर था
उसको अब सरभर करना था
पर वो हो नहो रहा था।

हमने एड़ी तक का जोर लगा दिया
सब का लेख जोखा कर दिया
पर बात नहीं बनी तो नहीं बनी
हमने भी मन से ठान ही ली।

आप कब तक हमें दूर रखोगे?
कुछ तो आप भी खोओगे
भक्त को कबतक नाख़ुश रखोगे?
खुद भी तो ना सो पाओगे।

बहुत सूना है आपका नाम
पर हमने पी रखा है जाम
सुबह शाम आपकी ही माला जपते है
सपने ही हम हंस लेते है।

कुछ ना मिले तो वो सपना ही है
हाथ में ना हो तो वो अपना नहीं है
इसलिए तो आस लगाएं रहते है
भक्त के नाम पर बगल में छुरी नहीं रखते है।

दे दो हजार हाथ वाले
हम नहीं पीछे हटने वाले
बस यु ही जाप करते रहेंगे
आप की रट में रत होकर भजन करते रहेंगे।

कुछ तो संवार लो सांवरे
हम तो जो है अनाड़ी ठहरे
बस थोड़ा ज्यादा मिल जाएगा तो आपको भूल थोड़े ही जाएंगे
बस जयकारा करेंगे और गुणगान गाते रहेंगे.

भजन करते रहेंगे.. Bhajan Karte
Thursday, April 14, 2016
Topic(s) of this poem: poem
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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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