मजा Poem by Ajay Srivastava

मजा

Rating: 5.0

लेनदार को लेना याद रहता है
मजा तो तब है देनदार को देना याद रहे
दूसरो पर हसना तो सभी को आता है
मजा तो तब आता है जब कोई रोते हुए को हसाए
सुख तो सभी बाट लेते है
मजा तो तब है जब कोई आपके दु ख बाट ले
गिराना तो सबको आता है
मजा तो तब आता जब कोई गिरे को उठाए
दुशमनी निभानी तो सभी को याद रहती है
मजा तो तब है दोसती निभानी याद रहे
बुराई तो बहुत जलदी ढूड लेते
मजा तो तब है बुराई को मिटा सके

COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 15 December 2015

अति सुंदर. यदि सब लोग इसी रास्ते पर चलें तो संसार का रूप बदल जाये. धन्यवाद. एक शेर याद आ गया: नशा पिला के गिराना तो सबको आता है, मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी। (अल्लामा इक़बाल)

0 0 Reply
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success