डाली पेड़ की Poem by vijay gupta

डाली पेड़ की

"डाली पेड़ की"
सामने खड़े पेड़ की
एक डाली क्यों सूखी है?
उसे कोई संताप है
या गहरा सदमा,
कुपोषण की शिकार है,
या माली का उलाहना,
वो मरना चाहती है
ना जाने क्या हो गया उसको?
साथी टहनियों की उपेक्षा
या प्रदूषण की मार,
नहीं जानता मैं ये सब कुछ,
पर उसकी हालत पर दुखी हूं।

Saturday, December 1, 2018
Topic(s) of this poem: tree
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vijay gupta

vijay gupta

meerut, india
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