पिलाके जाम नयनों का, नशे में चूर कर दे न Poem by Abhishek Omprakash Mishra

पिलाके जाम नयनों का, नशे में चूर कर दे न

पिलाके जाम नयनों का, नशे में चूर कर दे न
मुझे उसकी मोहब्बत में जहाँ से दूर कर दे न
बहुत मशहूर है उनकी, मोहब्बत के यहाँ चर्चे
ज़रा करदे करम मुझपे, मुझे मशहूर कर दे न

''कवि अभिषेक ओमप्रकाश मिश्रा''

Tuesday, December 30, 2014
Topic(s) of this poem: love and pain
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
पिलाके जाम नयनों का, नशे में चूर कर दे न
मुझे उसकी मोहब्बत में जहाँ से दूर कर दे न
बहुत मशहूर है उनकी, मोहब्बत के यहाँ चर्चे
ज़रा करदे करम मुझपे, मुझे मशहूर कर दे न
COMMENTS OF THE POEM
Ooo Ooo 30 December 2014

Bahut khoob...like it Abhishek jie

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