जब पुराने ख्वाब Poem by Rahul Awasthi

जब पुराने ख्वाब

जब पुराने ख़्वाब धुंधले नज़र आने लग जाएँ
आप भी चन्द नये ख्वाब सजाने लग जाएँll

जिंदगी का ज़हर जब जिंदगी पर हावी हो
आप दिल खोल कर हँसिये फिर मुस्कुराने लग जाएँll

कोई दोस्त भी तो मिले, जो हो जुगनू की तरह
जो अँधेरी रातो में, हमें राह दिखने लग जाएँll

कहने को तो बोहोत दूर भी हो, बोहोत पास भी हो
अब कोई क्या कीजे जब कोई ख्वाबो में आने लग जाएँll

Wednesday, September 28, 2016
Topic(s) of this poem: motivation,motivational
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