चेव्गुम Poem by Ajay Srivastava

चेव्गुम

कई रंग में होता हु स्वाद में हल्का मीठा
कम समय में मूल रंग आ जाता हु11

कभी यहाँ और वहाँ लुडकता हु
मामूली दबाव से गुब्बारे की तरह फूल जाता हु11
थोडा सा जिद्दी भी हु जितना भी दबा लो असर नहीं होता 11
बच्चों और युवाओं में लोकप्रिय हु 11
और लाभ भी हैं 11
उबासी को दूर करने एवं जबड़ो का व्यायाम करने में सहायक हु 11
बच्चों और युवाओं प्यार से मुझे चेव्गुम कहते हँ11

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