मेरे रब मेरे ही होना!
तू नहीं तो किसके संग होना,
तू ही बसा मन सागर में,
भर लो तुम अपने गागर में,
कहाँ जाऊँ, जाऊँ किस कोना?
सामने सब के नहीं है रोना,
मेरे रब मेरे ही होना,
तू नहीं तो किसके संग होना,
आस भी तू, विश्वास भी तू,
अंधकार में मेरा प्रकाश भी तू,
मैं पापी तू बख्शनहारा,
मुझको बनाले अपना दुलारा,
तेरे सिवा नहीं किसी का होना,
तू ही जाने कब तक है जीना,
आना मुझको पास है आना,
तेरे सिवा कहाँ है जाना,
मेरे रब मेरे ही होना,
तू नहीं तो किसके संग होना!
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
Ameen. a nice prayer.