सुर से साधना Poem by Ajay Srivastava

सुर से साधना

सुर से साधना साधना से भक्ति
रस से भाव भाव से विभिन्न रूप
गीत से बोल बोल से शब्द माला
मीठास शब्द माला से बने मधुर संगीत
क्या बच्चों , युवाओं और वृद्ध
सभी रोमांच से नृत्य करने लगते है
चार लाइन का जादू कर्ण मैं प्रवेश होते ही
पूरण रूप से आनंद प्राप्त करने का अनुभव है11

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Ajay Srivastava

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