प्रिये, तुम मीठे बोल बोलो ना Poem by M. Asim Nehal

प्रिये, तुम मीठे बोल बोलो ना

Rating: 5.0

प्रिये, तुम मीठे बोल बोलो ना
और कोमल दुलार दिखाओं ना
तुम मुझे कस कर जकडलो
और मुझे निडर बनाओ ना
कुछ करुणा भी सिखाओ ना

मुझे चोट ना देना, मेरी परीक्षा ना लेना
ना ही मुझे कोई खेल सीखना
इर्षा से दूर रखना
और दया का दीप जलना
क्या ये सब तुम कर सकते हो
मुझको ज़रा बताना

जो ना कर सको तो,
मेरे दिल में ना बस जाना
न आँखों से खेल खेलना
ना अपने मधुर गीत गुनगुनाना
और ना होटों पर प्यास जगाना

This is a translation of the poem To Love ~❤️ by M. Asim Nehal
Wednesday, September 9, 2020
Topic(s) of this poem: love,philosophical
COMMENTS OF THE POEM
Varsha M 09 September 2020

Kosish ka aaina hai kafi Doori chahe jetni bhi ho Samandar se kam he hota hai Koshish ka aaina hai kafi Fir chahe jo bhi ho Ek kadam aage jaroor lo. Koshish ka aaina hai kafi Titli bhi kabhi pillu thi Pankh lagte hawaoon ke Rani Yehi hai sachi kahani. Bahut khoob rachna. Aur bahut sunhera request list jo bahut zaroori hai.

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Rajnish Manga 09 September 2020

मुझे इस बात की ख़ुशी है कि मैंने आपकी मूल इंगलिश कविता भी पढ़ी है और अब उसका हिंदी अनुवाद भी पढ़ चुका हूँ. इसमें कोई शक नहीं है कि आप अपने अनुवाद में भी भावनाओं को पूरी शिद्दत से प्रगट करने में पारंगत हैं. अब बात कविता की. आपकी कवितायें प्रेम की गहराई और सरसता को पकड़ने व अंकित करने में पूरी तरह समर्थ हैं. पाठक आनंदित होते हैं तथा इनका खूब रस ले पाते हैं. धन्यवाद, असीम जी.

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Aarzoo Mehek 09 September 2020

Ek khoobdurat ilteja. Dua hai ke maan jaai. Ek dilkash nazm ek meethi si dua. Bohot bohot khoob.10++

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Sharad Bhatia 09 September 2020

एक बेहतरीन कविता एक बहुत बेहतरीन रचनाकार के द्वारा प्रिये तुम रूठ ना जाना प्रिये तुम हमेशा मेरा साथ दे जाना. 100++

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