मेरी तरह Poem by Ajay Srivastava

मेरी तरह

सूर्य पूर्ण रूप उज्ज्वल चमक में है।
जैसे कह रहा हो 'आप मेरे जैसे चमक कर सकते हैं'
अचानक काले बादल में से बिजली किरण दिखाई दि,
बिजली किरण ने पूरे माहौल बदल दिया।
मानो कह रही हो 'आप मेरी तरह माहौल बदल सकते हैं'।
फिर क्या था यह बारिश शुरू हो गयी,
लोगों को घर से बाहर आ गए और उनका रोमांच देखते बनता है ।
अपने आप में बारिश, मानो पूछ रही हो 'आप रोमांच दिखा सकते हैं मेरी तरह'।
कुछ सेकंड में एक आधा गोला आकाश में दिखाई दिया।
ओह यह इंद्रधनुष है और मैं बस रंगीन हूँ कहना चाहता हूँ।
पानी के साथ खेल रहे छोटे छोटे बच्चे, उनके चेहरे पर मासूम मुस्कान।
ये छोटे छोटे बच्चे उनके लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं है ।

मेरी तरह
Wednesday, October 28, 2015
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COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 28 October 2015

बारिश में सूरज की लुकाछिपी वास्तव में अद्भुत दृश्य उपस्थित करती है. बारिश में जन जीवन तथा वातावरण बदल जाता है.बहुत सुंदर वर्णन. धन्यवाद, मित्र. ये छोटे छोटे बच्चे उनके लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं है ।

0 0 Reply
Ajay Srivastava 29 October 2015

धन्यवाद

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