हिन्दुस्तानियो की जंग Poem by vicky (Anand) Anand

हिन्दुस्तानियो की जंग

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हवाओ में जहर घोलने वाले सुनो।

फिजा हमारे इशारो पर बदलती है।

क्या मिटाओगे तुम हसते हिन्दुस्तान को।

शेरो के जिगर में माँ भारत बसती है।

तुम्हारा गोल-बारूद क्या लेगा हमारी जान

मेरे ए दुश्मन दोस्त।

हमारे लिए तो दुआ भारत माँ के दिल से निकलती है।

मेरे देश के लोग पूजा करते है उस जगह को।

जहाँ किसी सैनिक की जान देश के लिए हँस के निकलती है।

Wednesday, February 3, 2016
Topic(s) of this poem: war
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