अस्तित्व Poem by Ajay Srivastava

अस्तित्व

जब तक काली रात है
तब तब दिए की रोशनी
टिमटिमा कर राह दिखाती रहेगी
जब तक दुराचारी क्रूरता करगे
तब तब सदपुरष उनकी राह मे
दीवार की तरह खडे हो जाएगे 11

जब तक तुम हो हम है
कोशिश, मेहनत है विशवास है
तब तब सफलता को राह मे आने से
और जीत कोई रोक नही सकता 11

उगते सूरज की किरण कहती
सुन ले काली रात अब तुझे जाना होगा
नही तो रोशनी मे विलय होकर
अपने अस्तित्व खोना होगा 11

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