एक प्यारी सी बेटी Poem by Pushpa P Parjiea

एक प्यारी सी बेटी

हर एक लम्हा आये याद उस दिन का
जब आई मेरी नन्ही परी

सुन्दर नाजुक कोमल कोमल
मानो कोई खिली थी नन्ही सी कली

देख देख मैं मन ही मन खुश होती
लहराती मेरे मन की बगिया

एक अनूठे आनंद से भर जाती
मैं , और सहज मुस्कुराती मेरी अँखियाँ


मातृत्व का पद देकर तुमने,
मुझको बेटी पूर्ण किया

अबोध, निस्वार्थ निष्पाप सहजता बस
इसका ही तुझमे मैंने दर्श किया।

अपने प्यार को तूने
हम सब पर बरसा कर,
धन्य किया जीवन मेरा
श्रद्धा सुमन समर्पित कर
आज मनाएं जन्म दिन तेरा

Saturday, May 27, 2017
Topic(s) of this poem: abc
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