भाँप बनकर उड़ चला Poem by Kezia Kezia

भाँप बनकर उड़ चला

बर्फ बनाकर जमा रखा था दिल में जिसे

आज तुम्हे देखकर जाने क्यों

वो आँसू भाँप बनकर उड़ चला

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Monday, May 22, 2017
Topic(s) of this poem: love
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