इबादत हर लम्हा Poem by Jaideep Joshi

इबादत हर लम्हा

दौलत वो जो बरकत का ऐसा असर करे
जैसे देने वाले का दामन खुशियों से भर जाता हो कोई।

ताकत वो जो बनके इनायत ऐसा रहम करे
जैसे जद्दोज़हद के मारों की हौसला-अफज़ाई कर जाता हो कोई।

शौहरत वो जो बन्दे पर ऐसा करम करे
जैसे तारीफ़ सुनकर अपनी नज़रें झुकाता हो कोई।

इल्म वो जो रौशनी का ऐसा जतन करे
जैसे अंधेरे में भटकों को राह दिखाता हो कोई।

शख्सियत वो जो ज़ब्त की ऐसी नज़ीर बने
जैसे तपती रेत पर नंगे पाँव चला जाता हो कोई।

ईमान वो जो रहमत की ऐसी मिसाल बने
जैसे रक़ीबों के घावों पर मरहम लगाता हो कोई।

ज़िन्दगी वो जो मुकम्मलियत का ऐसा सबब बने
जैसे इबादत को हर लम्हा हाथ उठाता हो कोई।

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