यह जीवन! Poem by Jaideep Joshi

यह जीवन!

यह जीवन भी एक कविता है, कभी मुक्त-छंद, कभी छंद-बन्द।
धरणी के आंचल में बहती कोमल भावों की सरिता है।

यह जीवन भी एक कविता है।

यह जीवन भी एक राग है. कभी उच्च-हृस्व, कभी स्वर मध्यम।
जग आँगन में भीगा हुआ मोहक रंगों का फ़ाग है।

यह जीवन भी एक राग है।

यह जीवन भी एक उपवन है. कहीं गुलमोहर, कही हरिश्रिंगार।
मर्त्यलोक के विचरण में शुभकर्मों का संवर्धन है।

यह जीव भी एक उपवन है।

यह जीवन है एक मधुर-स्मृति, कभी निर्बाध हंसी, कभी स्मित मुस्कन।
इहलोक के पावन धवल पटल पर अंकित एक अनिंद्य कृति।

यह जीवन है एक मधुर-स्मृति।

यह जीवन भी एक उत्सव है, कभी धुर भौतिक, कभी निज आत्मिक।
पृथ्वी के भव्य रंगमंच पर यह प्रयोग नितांत अभिनव है।

यह जीवन भी एक उत्सव है।

यह जीवन है अनंत उल्लास, कभी मृदु संयत, कभी मुक्त स्वच्छन्द।
ब्रह्माण्ड के अविरल कालदर्श पर चिरस्थायी हो जैसे मधुमास।

यह जीवन है अनंत उल्लास।

यह जीवन है एक सतत सृजन, कभी मौलिक, कभी परिमर्जन।
धरा के विराट मनस पट्ट पर वर्णित विस्तृत काव्य गहन।

यह जीवन है एक सतत सृजन।

यह जीवन है उत्कर्ष पर्व, कभी चहल-पहल, कभी आत्म-मनन।
धरती पर स्व-कर्तव्यों का निर्वाह सजग-संपूर्ण-सगर्व।

यह जीवन है उत्कर्ष पर्व।

यह जीवन है एक प्रार्थना, कभी शब्द मुखर, कभी मौन व्यक्त।
सृष्टि के अवचेतन में गुंजित निर्दोष निरीह अभ्यर्थना।

यह जीवन है एक प्रार्थना।

यह जीवन है यात्रा अनंत, कहीं उद्देश्य स्पष्ट, कहीं स्वलक्षित।
प्रकृति के सान्निध्य में पुलकित अग्रगामी हो जैसे कोई सन्त।

यह जीवन है यात्रा अनंत।

यह जीवन है पुनीत यज्ञ, कभी अभिमंत्रित, कभी हृदय स्वरित।
वसुधा की परिवर्ती रंगभूमि पर स्थिरचित्त हो कोई स्थित्प्रज्ञ।

यह जीवन है पुनीत यज्ञ।

यह जीवन है निर्मल आनंद, कहीं सहज-सरल, कहीं अभ्यासजनित।
संसार के रसक्षेत्र में संवेदनाओं का कुंदन कानन।

यह जीवन है निर्मल आनंद।

यह जीवन है एक पूर्ण तृप्ति, कभी दैहिक, कभी आध्यत्मिक।
वसुंधरा के व्यथित ह्रदय पर मधु अमृत की सघन वृष्टि।

यह जीवन है एक पूर्ण तृप्ति।

यह जीवन्म है एक प्रेम पत्र, कही अभिव्यक्त त्वरित, कहिह संकोच सूक्ष्म।
भूमण्डल के रक्ताभ क्षितिज पर देदीप्यमान चिर युवा नक्षत्र।

यह जीवन है एक प्रेम पत्र।

यह जीवन है सात्विक सन्देश, कहीं वाणी वर्णित, कहीं मूक अव्यक्त।
निर्मिति के वैदेहिक ताल पर आत्मा के अनन्त से श्लेष।

यह जीवन है सात्विक सन्देश।

यह जीवन है एक विराट स्वप्न, कभी सप्तवर्ण, कभी श्वेत-श्याम।
विश्वभूमि पर घटित लीलाओं के निहितार्थों का चिंतन-मनन।

यह जीवन है एक विराट स्वप्न।

यह जीवन है एक श्रद्धांजलि, सदा हार्दिक, सदा गंभीर।
उन ऋषियों, तपस्वियों के प्रति, जिनके आशीर्वचनों से यह विकल आत्मा फली।

यह जीवन है एक श्रद्धांजलि।

यह जीवन एक सम्प्रेषण है, संस्कारों का, सुविचारों का।
युगों-युगों से अभिलाषित समय-सत्त्व का अन्वेषण है।

यह जीवन एक सम्प्रेषण है।

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