प्रिये,
कहीं तुमसे
हमें प्यार न हो जाए! ! !
फिर प्यार में
कोई मीठी सी
तकरार न हो हो जाए
ओस के
ये सुखद मोती
हवा बन न उड़ जाए
ये तकरार
कहीं विरह की
कट्टार न बन जाए
प्यार ऐसा कर
कि इसकी लम्बी ड़ोर
कहीं टूट न पाए
ड़ोर टूट के
ये ज़िन्दगी कहीं
कटी पतंग न बन जाए
इसलिए
प्यार ऐसे कर
जो निराकार से हो जाए
एक बार
गर हो जाए
तो फिर ये टूट न पाए
Pic courtesy: Bobita Saikia
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