शेतान Poem by Ajay Srivastava

शेतान

हम कभी भी अकेले नही होते
हमारे साथ जन समूहँ होता है
हम वो हे जो जनता मै होते है
पर जनता हमे अच्छा समझने
की भूल करती है 11
जब जनता हमे समझ पाती है
तब तक हम अपना कर जाते है 11

हमारा काम ही तकलीफ देना है
और जनता तकलीफ से हमारी शक्ति बडती है 11
कभी न कभी समाज के हर वर्ग को
हमारी अवशयकता पड ही जाती है 11
हमारे कई नाम है
पर भय से जनता कहती है
शेतान का नाम लिया शेतान हजिर 11

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