होली है Poem by Ajay Srivastava

होली है

यह छोटा बडे मे
भेदभाव नही करता
भले ही कुछ पल के लिए 11
ना यह जाती देखता
ना यह धर्म देखता 11
ओर तो ओर आपस की दुशमनी
को कम भी कर देता है 11

बच्चे, युवा व आयु वर्ग
सभी झूम उठते है 11

अब चाहे युवक युवती
पर रंग लगाने का आनंद लें 11

बच्चे पानी के रंग के गुब्बारे व पिचकारी
, दूर से फेके ओर भाग जाने का आनंद लें 11
या फिर आयु वर्ग रग लगा कर
गले मिले ओर विभिन्न प्रकार
के पकवान का आनंद लें 11
होली का त्योहार यह कहने की कोशिश करता है
की पिछे जो बुरा हुआ उसको भूलने के लिए कहता
हाला की भूलना संभव नही तो असंभव भी नही 11

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Ajay Srivastava

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