रियो ओलिंपिक Poem by Ajay Srivastava

रियो ओलिंपिक

रिस्ता है खेल से, सम्बन्ध है शारीरिक शक्ति का|
योवन का प्रदर्शन, हर युवा अपने आप को श्रेष्ठता के शिखर पर देखना चाहता है|

चुनाव है ईमानदारी का|
स्फूर्ति और शक्ति की जरूरत है|
प्रशिक्षण व क्ष्रम का समायोजन है|
आधुनिक तकनीक को अपना बनाना है|
मनोबल को प्रेरित करना है|
विवादो को दूर भगाना है|
स्पर्धा का निमत्रंण है|
समय से हाथ मिला कर आगे जाना है|
निणनायक मंडल से अपनी योगयता का लोहा मनवाना है|
तिरंगे की शान का प्रदर्शण करना है|

रियो ओलिंपिक
Monday, August 1, 2016
Topic(s) of this poem: sports
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success