प्रयास करो Poem by Ajay Srivastava

प्रयास करो

कौन हाथ से हाथ मिलाने की बात करता है।
मिलाना है तो दिल से दिल को मिलाओ।

मिलना है तो बहाने क्यों कर ढूढे।
प्यार है तो तुरंत व्यकत कर दिया करो ।

हर पल जीवन को मूल्यवान कर दिया करो।
हर पल दिल को मुस्कुराने अवसर तो दिया करो।

सुख दुःख तो जीवन का हिस्सा है।
दोनों को वास्तविकता का धरातल दिया करो।

आदर्शो को यु ही नहीं ढूढा करो।
स्वय आदर्श बनने का प्रयास किया करो।

चुनोतियो से इतना न डरा करो।
चुनोतियो को डराने का प्रयास किया करो।

प्रयास करो
Friday, June 24, 2016
Topic(s) of this poem: trying
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