हम-तुम Poem by Ajay Srivastava

हम-तुम

तुम डरपोक हो|
हम साहसी है|
तुम असभ्य और असंस्कृत हो|
हम सभ्य और संस्कृत है|
तुम प्रभावहीन व्यक्तिव हो|
हम प्रभाशाली व्यक्तिव है|
तुम संधर्षहीन व पराजित हो|
हम सधर्षपूर्ण व विजयी है|
तुम नीरस और नकारात्मक हो|
हम सरस और सकारात्मक है|
तुम असफलता के काटे हो|
हम सफलता के फूल है|

हम-तुम
Friday, December 18, 2015
Topic(s) of this poem: pride
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Ajay Srivastava

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