Nirvaan Babbar Poems

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21.
ये दुनिया (Ye Duniya)

ना थामा है किसे ने, ना थामेगा कोई,
गिरे बैठे हैं, ना उठाएगा कोई,

कश्मकश इतनी है,
...

22.
बंजर है ज़मीं (Banjar Hai Zami)

बंजर है ज़मीं, बस बंजर है,
ये दिल की ज़मीं, बस बंजर है,

ढूंढने हम चले, फिरदोस ख़ुदा,
...

मैं चला जा रहा हूँ, बेकार, बे वजह,
आस्मां के पार शायद, मिल जाए एक जहाँ,

पर्बतों के रोएँ - रोएँ, चपे - चपे पे मेरे निशाँ,
...

24.
ज़रूरत क्या है (Zarurat Kya Hai)

मंज़िलें, सामने, हैं, अब अपने, तुम ही बोलो के,
फिर, रास्तों की, ज़रूरत क्या है,

अपने ही निशां, देखे पग - पग पर हमने, तुम ही बोलो के,
...

One must move, just the one way
Whatever, either right way or the wrong way,
On the right way, you may feel, you are at bay.
Must tell you, still right way, is the best way,
...

है यार बहुत, मुश्किल अब जीना,
चल यार मेरे, सो जाते हैं,
मिल कर चल, आते हैं, ख़ुदा से,
कुछ उससे, पूछ के आते हैं,
...

भौर भये उठ जाग मैं बैठि,
जागी-सोइ, टूट-तोड़ बिताई सारी रैन,

बिन साजन, सखी रैन गुज़ारी,
...

नैना तीर भयो रे मोरे, पी को, मन ही मन रिझाएं रे,
मो ने काजल लियो लगाए, सजन रे, मोहे लाज भी है, आए रे,

सोक (शौक) बड़े, सिंगार बड़ा रे, मोहे बचपन छोड़ा जाए रे,
...

29.
हम तुम (Hum Tum)

जाने अनजानें मैं हम तुम, ये कहाँ पे आ गए,
राहों के, हर साए पे, हम तुम ही तो छा गए,

रेहमत बनके, ख़ुदा की हम, जहां मैं आ गए,
...

30.
नादाँ (NAADAN)

लोग मिले, बहुत मिले हमको यारो,
हर एक कि पहचान यहाँ, आसाँ निकली,
पर ये क्या हुई बात, ख़ुद को ही पहचान नहीं पाये,
या ख़ुदा, कैसे और कितने हम, नादाँ निकले,
...

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