Ajay Srivastava Poems

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91.
रूप

जो बेजान पथतर मे जान डाल दे
और उसे पुजा के योगय बना दे उसे मूरतीकार कहते है 11
c जो कोरे कागज पर जीवन के रग भर दे
और उसे प्रदर्शन के योगय बना दे उसे चिञकार कहते है 11
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92.
Happy Birthday

Few prefer to enjoy with friends
while majority feel thrill with family.
Some people shower flower.
Valuable gift is the popular method
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93.
चिडया

एक चिडया स्वतंत्र आकाश मै विचरण करती हुई
आचनक उसे बहुत तेज भुख लगी और वह नीचे उतरी 11
उतर एव़ दक्षिण दिशा के कई मकान की मुडेर पर बेठी
पर उसे खाने के लिए एक दो दाने ही मिले 11
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94.
Faith

Parent on children.
Teacher on student.
Builder on architect.
Scientist on invention.
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95.
संतुष्ट

बेखोफ और बेफिकृ धीरे - धीरे शान से चलता हुआ
अचानक से देखा तेज रफतार पकड ली अपने
सब भय से देखते और ईधर उधर भागते हुए
लक्षय पर धयान और अनततह लक्षय की छटपटहाट
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96.
God

Your existence is felt in difficulty & sorrow.
Remembering in Happiness.
Respect like father or mother.
Even share feeling as a friend.
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97.
मजा

लेनदार को लेना याद रहता है
मजा तो तब है देनदार को देना याद रहे
दूसरो पर हसना तो सभी को आता है
मजा तो तब आता है जब कोई रोते हुए को हसाए
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98.
With Me.

O god O dear god.
Your are again so kind to me.
I am floating like boat in a river.
Fly like kite in sky.
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99.
कुछ नहीं

साधरण जन मानस की समस्याओ पर ध्यान आकर्षित करवाना है।
प्रत्येक गलत कार्य का विरोध करने के लिए प्रेरित करना है
सही व गलत का अहसास करवाना है।
हर दिल में देश के लिए प्रेम को जाग्रत करना है।
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100.
आदित्य धन

तुम हो तो सब कुछ है।
हर आभाव की पूरक हो तुम।
तुमसे ही परिपूर्णता का अहसास।
तुम ही शक्ति हो।
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